तेरा फितूर Lyrics और Review – जीनियस | अरिजित सिंह
तेरा फितूर Lyrics और Review – जीनियस | अरिजित सिंह तेरा फितूर Lyrics: तेरा फितूर जब से चढ़ गया रे तेरा फितूर जब से चढ़ गया रे इश्क जो जरा सा था वो बढ़ गया रे तेरा फितूर जब से चढ़ गया रे तू जो मेरे साथ चलने लगे तो मेरी राहें धड़कने लगे देखूं न इक पल मैं तुम्हें तो मेरी बाहें तड़पने लगे इश्क जो जरा सा था वो बढ़ गया रे तेरा फितूर जब से चढ़ गया रे तेरा फितूर जब से चढ़ गया रे हाथों से लकीरे यही कहती है के जिंदगी जो है मेरी तुझी में अब रहती हैं लबों पे अब रहती है मेरे दिल की ख्वाहिश लफ्ज़ो में कैसे मै बताऊँ इक तुझको ही पाने की खातिर सबसे जुदा मै हो जाऊं कल यक जो ख्वाब थे देखे तुझमे वो दिखने लगे इश्क जो जरा सा था जो बढ़ गया रे तेरा फितूर जब से चढ़ गया रे तेरा फितूर जब से चढ़ गया रे सांसो के किनारे बड़े तन्हा थे तू आके इन्हें छू ले बस यही तो मेरे अरमां थे सारी दुनिया से हमे क्या लेना है बस तुझको ही पहचानूँ मुझको न मेरी अब खबर हो कोई तुझसे ही खुद को मै जानू राते नही कटती बेचैन से होके दिन भी गुजरने लगे इश्क जो जरा सा था जो बढ़ गया रे तेरा फितूर जब से चढ़ गया रे तेरा फितूर जब से चढ़ गया रे आ….. Details: Song tit...